Saturday, February 23, 2013

मैं आप की पोस्ट नही पढ़ पाया ???

मैंने अपनी आँख का आप्रेशन करवाया था 
डाक्टर साहब ने दस दिन का रेस्ट बताया था 
मेरी आँखों  पे काला चश्मा लगवाया था
मुझे लैपटॉप से दूर रहने को जताया था 
बस इस लिए आप की पोस्ट न पढ़ पाया था .... 

शायद आप को मेरी कमी महसूस न हो ,
पर मुझे बहुत होती है ....इस उम्र में आपका स्नेह 
मान-सम्मान मिलने से मेरा अकेलापन दूर होता 
है ..और जीने की उर्जा मिलती है ....बस जल्द ही 
आपसे मिलना चाहूँगा ....
खुश रहें ,स्वस्थ रहें !
शुभकामनायें !



Wednesday, February 13, 2013

"अकेला" का अकेलापन..!!!


"अकेला" का अकेलापन..!!!
 "मुझ को छोड़ दो "अकेला" मैं 'अकेला' रहना चाहता हूँ "

 जब जब यह वाक्य याद आता है
 तब-तब अब मन बहुत घबराता है

 शायद ये सब वक्त-वक्त की बात है
 अब जो अकेलापन बहुत सताता है

 राह तकता हूँ अब सुनी आँखों से
 जब चल के पास कोई न आता है

 सायं सायं जब करता है रात का अँधेरा
 तो अकेलापन आँख से आंसू छलकाता है

 चाहने वाला कभी , हर वो शख्स क्यों
 गुज़रे वक्त के, साथ-साथ बदल जाता है

 खुदी की चाहत से  जब माँगा था अकेलापन
 तो फिर अब ऐ दिल तू क्यों पछताता है

 अब "अकेला" उन यादों को याद करके
 बस अपने अकेलेपन को ही सहलाता है ....


अशोक सलूजा 'अकेला'






Tuesday, February 05, 2013

यादें !!! सुहाने लम्हों की ....


रोज़ कहता हूँ ,भूल जाऊं उन्हें
पर रोज़ यह बात ,भूल जाता हूँ ||
---अज्ञात
जब-जब बीते लम्हात मुझको याद आयेंगे
सब कुछ भूल उन की यादों में खो जायेंगे

याद आते हैं मुझे अपने वो सुहाने दिन
जो अब कभी लौट कर वापस न आयेंगे

मैं तो अब भी रूठता हूँ पहले की तरह
न पहले की तरह अब वो मुझको मनाएंगे

इसी भ्रम में,मैं तो जियूँगा तब तक
अपनी 'आई' से हम न मर जायेंगे

वो भूल भी गये तो क्या वादा अपना
हमें तो याद है अब हम ही निबाहेंगे

'अकेला' याद करेंगे अपनी यादों में तुझ को  
याद कर-कर के अपनी यादों में तुझको जगायेंगे ....
अशोक सलूजा "अकेला"
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